जानिए भारत के 5 सबसे अनोखे और मज़ेदार कोर्ट केस जिन पर यकीन करना मुश्किल है! भूत भगाने से लेकर मच्छर काटने तक, ये केस आपको चौंका देंगे! 😆⚖️
भारत की न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी न्याय व्यवस्थाओं में से एक है। हर साल लाखों केस दायर किए जाते हैं, जिनमें से कुछ तो इतने अजीब और अविश्वसनीय होते हैं कि जज भी हैरान रह जाते हैं! 🤯
आज हम आपको ऐसे अनोखे और रोचक कोर्ट मामलों के बारे में बताएंगे, जिन पर यकीन करना मुश्किल है लेकिन ये सच में भारतीय अदालतों में दर्ज किए गए थे।
1️⃣ भगवान पर केस: “मुझे सपने में दर्शन दिए, अब ज़मीन दे दो!” 🙏
🏛 मामला:
मध्य प्रदेश के एक व्यक्ति ने भगवान विष्णु के खिलाफ कोर्ट में केस दायर किया! उसने दावा किया कि भगवान ने उसे सपने में दर्शन दिए और कहा कि वह उसकी ज़मीन उसे वापस दिलाएंगे। लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो व्यक्ति ने भगवान के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया।
⚖️ फैसला:
कोर्ट ने इस मामले को पूरी तरह से आस्था से जुड़ा मामला बताते हुए खारिज कर दिया और व्यक्ति को गलत याचिका दायर करने पर फटकार लगाई।
2️⃣ “पत्नी रोज़ अच्छे खाने के लिए नहीं बनाती, तलाक चाहिए!” 🍛
🏛 मामला:
2018 में बिहार के एक व्यक्ति ने कोर्ट में अर्जी दी कि उसकी पत्नी रोज़ अच्छी सब्ज़ी और चाय नहीं बनाती और इसलिए उसे तलाक़ चाहिए। पति का कहना था कि अच्छा खाना न मिलना मानसिक प्रताड़ना के बराबर है।
⚖️ फैसला:
कोर्ट ने इसे तलाक का आधार मानने से इनकार कर दिया और पति को समझाया कि शादी एक समझदारी और साझेदारी का रिश्ता होता है।
3️⃣ मच्छर के काटने पर सरकार के खिलाफ केस! 🦟
🏛 मामला:
मुंबई के एक व्यक्ति ने बीएमसी (BMC – Brihanmumbai Municipal Corporation) के खिलाफ केस दायर किया कि मच्छरों के काटने से उसे डेंगू हो गया, और इसके लिए नगर निगम ज़िम्मेदार है।
⚖️ फैसला:
कोर्ट ने कहा कि नगर निगम को शहर की सफाई की ज़िम्मेदारी तो है, लेकिन व्यक्ति को खुद भी सावधानी बरतनी चाहिए। इस तरह की याचिकाएं कोर्ट का समय बर्बाद करती हैं।
🏆 रोचक तथ्य:
👉 दिल्ली हाई कोर्ट ने 2016 में कहा था कि मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए।
👉 WHO के अनुसार, भारत में हर साल 10 लाख से ज्यादा लोग डेंगू से प्रभावित होते हैं।
4️⃣ “मेरे घर में भूत हैं, सरकार मदद करे!” 👻
🏛 मामला:
उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति ने कोर्ट में याचिका दायर की कि उसके घर में भूत रहते हैं और सरकार को इसे हटाने में मदद करनी चाहिए।
⚖️ फैसला:
कोर्ट ने इसे पूरी तरह से अंधविश्वास पर आधारित बताया और कहा कि कानून केवल वास्तविक समस्याओं का समाधान करने के लिए है।
🏆 रोचक तथ्य:
👉 भारत में भूत-प्रेत से जुड़े कई अंधविश्वास हैं, जिनके कारण कई बार अदालतों को हस्तक्षेप करना पड़ता है।
👉 2013 में महाराष्ट्र ने अंधविश्वास विरोधी कानून लागू किया, जिसमें जादू-टोने और भूत-प्रेत से जुड़े झूठे दावों पर सख्त सज़ा का प्रावधान है।
5️⃣ गधों के लिए स्पेशल रोड की मांग! 🫏
🏛 मामला:
एक पशु प्रेमी ने याचिका दायर की कि गधों के लिए अलग सड़क होनी चाहिए ताकि वे ट्रैफिक से सुरक्षित रहें। उसका कहना था कि गधों को अक्सर सड़क पर दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ता है।
⚖️ फैसला:
कोर्ट ने इस मामले को अव्यवहारिक मानते हुए खारिज कर दिया, लेकिन पशुओं के अधिकारों पर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत बताई।
🏆 रोचक तथ्य:
👉 भारत में 2011 से 2019 के बीच गधों की संख्या 61% घट गई।
👉 राजस्थान और गुजरात में अब भी हजारों गधों का इस्तेमाल माल ढोने के लिए किया जाता है।
निष्कर्ष 🎯
इन मामलों से हमें यह सीखने को मिलता है कि न्याय प्रणाली लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए है, लेकिन कभी-कभी कुछ लोग अजीबोगरीब और व्यर्थ याचिकाओं से कोर्ट का समय बर्बाद करते हैं। 😆